. She . मदोन्मत्त
कान्ति
तनी हुई त्वचा की
स्पर्श की लेखनी
सिरहन का भँवर
प्रतिबिंब
टिमटिमाते दीपक का
तुम्हारी आँखों में
देखने दो
अचानक
होंठों की अग्नि से
ज्ञान
भस्म
थिरकन
उन्नत उरोजों की
ठहरना
दृष्टि का
अँधेरे में
प्रकाश की वक्रिम रेखा
छलकती हुई
तुम्हारे तन पर
आलिंगन
उच्छवास
दीपक की लौ
मचल गयी
सान्निध्य
ढूंढता है
अँधेरे में
साँप