.          She                                                                  .          मदोन्मत्त

. She . मदोन्मत्त

July 29, 2019 Off By Satyajit Verma

कान्ति
तनी हुई त्वचा की
स्पर्श की लेखनी
सिरहन का भँवर

प्रतिबिंब
टिमटिमाते दीपक का
तुम्हारी आँखों में
देखने दो

अचानक
होंठों की अग्नि से
ज्ञान
भस्म

थिरकन
उन्नत उरोजों की
ठहरना
दृष्टि का

अँधेरे में
प्रकाश की वक्रिम रेखा
छलकती हुई
तुम्हारे तन पर

आलिंगन
उच्छवास
दीपक की लौ
मचल गयी

सान्निध्य
ढूंढता है
अँधेरे में
साँप