. Solitary Thoughts . चित्तपट
मेरा दूसरा मैं, सोया हुआ कभी – कभी उठता है सिर्फ मुझे कोंचने के लिये अपनी सभी क्रियाओं को मैं खुद देखूँ एक अजनबी की तरह भीनी सुबह शान्त तालाब एक सफेद कमल कभी – कभी मैं सोचता हूँ मुझे सोचना चाहिए सोचने के बारे में पूर्ण घने अंधकार में जगमगाती मणि सभी आवाजें बन्द…