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. Solitary Thoughts . चित्तपट

मेरा दूसरा मैं, सोया हुआ कभी – कभी उठता है सिर्फ मुझे कोंचने के लिये अपनी सभी क्रियाओं को मैं खुद देखूँ एक अजनबी की तरह भीनी सुबह शान्त तालाब एक सफेद कमल कभी – कभी मैं सोचता हूँ मुझे सोचना चाहिए सोचने के बारे में पूर्ण घने अंधकार में जगमगाती मणि सभी आवाजें बन्द…

By Satyajit Verma July 29, 2019 Off